ayurvedic treatment for paralysis

HiiMS: लकवाग्रस्त (Paralyzed) मरीजों के लिए एक नई उम्मीद

18 साल की लड़की ने पाई नई ज़िंदगी – HiiMS में सिर्फ 2- 4 दिनों में चमत्कारी सुधार!

कल्पना कीजिए, एक 18 वर्षीय लड़की जो पूरी तरह से स्वस्थ थी, अचानक एक सुबह उठती है और गिर जाती है। उसके पैर जवाब देना बंद कर देते हैं, और धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर में संवेदना खत्म होने लगती है। परिवार घबराकर अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काटता है, मगर कहीं भी स्पष्ट जवाब या ठोस समाधान नहीं मिलता। डॉक्टर केवल दवाइयाँ लिख देते हैं, लेकिन उसकी स्थिति जस की तस बनी रहती है—बल्कि समय के साथ और भी बिगड़ती जाती है।

यह कहानी कोलकाता की रहने वाली सुभाषिता घोष की है जिसने HiiMS में पैरालिसिस का आयुर्वेदिक उपचार सिर्फ 4 दिनों में नया जीवन पाया।

जब ज़िंदगी थम सी गई…

सुभाषिता बताती है की सब कुछ 1 तारीख से शुरू हुआ। पहले हल्का सा सिरदर्द हुआ, फिर जब बिस्तर से उठने लगी, तो अचानक गिर पड़ी। पैरों में कोई ताकत नहीं थी। सहारे के बिना एक कदम भी नहीं रखा जा रहा था। तीसरी मंज़िल से नीचे उतरने में घंटों लगे। जब मैंने घरवालों को बताया तो वह घबरा गए और तुरंत अस्पताल ले गए। सुभाषिता को  परिवार वालों ने डॉक्टर की सलाह से 10 से 15 अगस्त तक एक बड़े अस्पताल में एडमिट कराया । वहां कई तरह की दवाइयां दी गईं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टर तक यह नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? उन्होंने जो दवाइयां दी उन दवाइयों का असर ऐसा था कि शरीर तो छोड़िए, याददाश्त भी साथ छोड़ने लगी थी।

आयुर्वेद की ओर बढ़ते कदम…

सुभाषिता बताती है परिवार ने कई इलाज करवाए, लेकिन जब कहीं कोई समाधान नहीं मिला, तब मेरे बड़े नानू और छोटे नानू ने HiiMS के बारे में सुना। उन्होंने रिसर्च की और मरीजों के लाइव वीडियो देखे, रिव्यू पढ़े और जाना कि यहां प्राकृतिक इलाज से असंभव को संभव बनाया जा सकता है। उन्हीं की सलाह पर घर पर ही DIP डाइट, जीरो वोल्ट थेरेपी और अन्य प्राकृतिक उपाय अपनाने शुरू किए। एक महीने में थोड़ा सुधार दिखने लगा।  2 से 4 दिन में ही हाथों में हल्की हरकत आने लगी। यही वो पल था जब परिवार को लगा अगर हल्का सुधार घर पर हो सकता है, तो HiiMS में जाकर चमत्कार क्यों नहीं हो सकता? उसी वक़्त मेरा परिवार वालों ने मुझे HiiMS  में  दाख़िल करवाया और आयुर्वेद से लकवा का इलाज करवाया। 

HiiMS में सिर्फ 4 दिन, और मैं पैरों पर खड़ी!

जब मैं HiiMS आई तो मैं व्हीलचेयर पर थी। लेकिन यहां पहले ही दिन से सुधार दिखने लगा। सिर्फ 4 दिनों में ही मैं अपने पैरों पर खड़ी हो गई! यह किसी चमत्कार से कम नहीं था।

HiiMS में मुझे कई प्राकृतिक थेरेपीज़ दी गईं, जिनमें शामिल थीं:

जीरो वोल्ट थेरेपी : जीरो वोल्ट थेरेपी, जिसे ग्राउंडिंग या अर्थिंग भी कहते हैं इसकी मदद से मेरे शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिली है। इसमें हमे नंगे पैर घास पर चलाते हैं और इससे धरती से मिलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर में जाती है। यह हानिकारक तत्वों को खत्म करने, सूजन कम करने और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करती है। इससमे  बताते हैं कि अर्थिंग से नर्वस सिस्टम मजबूत होता है, खून का संचार बेहतर होता है और दिमाग को शांति मिलती है। HiiMS प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक नेचुरोपैथी को मिलाकर बिना दवा के प्राकृतिक इलाज देता है, जिससे शरीर खुद ठीक होने लगता है।


हॉट वॉटर थेरेपी – HiiMS में पैरालिसिस का आयुर्वेदिक उपचारके लिए हॉट वॉटर इमर्शन थेरेपी को ध्यानपूर्वक कराया जाता है, जिसमें मुझे 40°C गर्म पानी में दो घंटे बैठाया गया था। इस थेरेपी ने रक्त संचार को बढ़ाने, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने और तनाव कम करने में मदद की है, जिससे मरीजों की नसों और मांसपेशियों को राहत मिलती है। डॉक्टर बताते हैं कि हर मरीज की सेहत अलग होती है, इसलिए थेरेपी से पहले वजन, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच की जाती है। यह थेरेपी पैरालिसिस मरीजों के शरीर में ब्लड फ्लो सुधारकर सुन्न नसों को सक्रिय करने में मदद करती है।


पिचू थेरेपी (सिर का आयुर्वेदिक मसाज) –दिमाग को शांति और शक्ति देने वाली । पिचू थेरेपी आयुर्वेद की एक खास इलाज है, जिसमें जड़ी-बूटियों के तेल से सिर की हल्की मालिश की जाती है और तेल में भीगे हुए कपड़े या रुई को सिर पर रखा जाता है। यह थेरेपी तनाव, सिर दर्द, माइग्रेन, अनिद्रा और मानसिक अशांति को कम करने में मदद करती है। पिचू थेरेपी से मस्तिष्क को गहराई से आराम मिलता है, नसों को ताकत मिलती है और तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) शांत होता है।

प्राकृतिक और संतुलित आहार: DIP डाइट एक शुद्ध पौधों पर आधारित आहार है, जिसमें मौसमी फल, सब्जियां, मिलेट (जैसे बाजरा, ज्वार), भीगे हुए मेवे और अंकुरित अनाज शामिल होते हैं। इस डाइट में जंक फूड, डेयरी उत्पाद, प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा तेल-मसाले वाले खाने से बचा जाता है। और इसकी मदद से मुझे काफी अच्छा महसूस होने लगा। 

Paralysis Patient Review About Ayurvedic Treatment at HiiMS : 

DIP डाइट के फायदे:

  • ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे शरीर को ज्यादा ऊर्जा मिलती है।
  • शरीर से विषैले तत्व (टॉक्सिन्स) बाहर निकलते हैं और सूजन (इंफ्लेमेशन) कम होती है।
  • इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे जल्दी रिकवरी होती है।
  • डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और किडनी की समस्याओं में लाभकारी है।

आखिर यह हुआ कैसे?

मेरे मन में बार-बार यही सवाल उठ रहा था। अचानक ऐसा कैसे हुआ? मैंने तो कभी कोई गंभीर बीमारी नहीं झेली थी। और फिर हमें याद आया कि मैंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ ली थी। क्या यह उसका कोई साइड इफेक्ट था? शायद हां ,क्योंकि मैं स्वस्थ हु  तो फिर अचानक लकवाग्रस्त कैसे हो सकती है?

HiiMS – हर बीमार इंसान के लिए एक उम्मीद!

सुभाषिता ने बतया आज जब मैं चल पा रही हूं, तो मेरी आँखों में आंसू हैं जो की खुशी के है , राहत के और आभार के है । अगर मैं व्हीलचेयर से पैरों पर खड़ी हो सकती हूं, तो हर कोई ठीक हो सकता है! HiiMS ने मुझे मेरी ज़िंदगी लौटा दी। 

अगर आपको भी कोई बीमारी है, जिसका समाधान कहीं नहीं मिल रहा, तो HiiMS आपके लिए एक नई उम्मीद बन सकता है। HiiMS पूरे भारत में मौजूद है डेराबस्सी, लखनऊ, गुरुग्राम, दिल्ली, मेरठ, नवी मुंबई, जयपुर, अमृतसर, ठाणे, लुधियाना, गोवा और कई अन्य शहरों में।

निष्कर्ष:

HiiMS ने सुभाषिता घोष जैसी कई ज़िंदगियों को नया जीवन दिया है। आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और प्राकृतिक उपचारों के संयोजन से यहां असंभव को संभव बनाया जाता है। अगर आप भी किसी ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसका समाधान कहीं नहीं मिल रहा, तो HiiMS आपके लिए एक नई उम्मीद बन सकता है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

  1. क्या HiiMS में लकवे (पैरालिसिस) का इलाज संभव है?
    हां, HiiMS में प्राकृतिक थेरेपी और आयुर्वेदिक उपचार से लकवे के मरीजों में सुधार देखा गया है।
  2. DIP डाइट क्या है और यह कैसे मदद करती है?
    DIP डाइट एक शुद्ध पौधों पर आधारित आहार प्रणाली है, जो शरीर को डिटॉक्स करती है और प्राकृतिक रूप से ठीक होने में मदद करती है।
  3. क्या HiiMS में बिना दवा के इलाज संभव है?
    हां, HiiMS प्राकृतिक उपचार पद्धतियों का उपयोग करता है, जिससे बिना दवा के शरीर खुद को ठीक करने में सक्षम होता है।
  4. HiiMS भारत में कहां-कहां उपलब्ध है?
    HiiMS डेराबस्सी, लखनऊ, गुरुग्राम, दिल्ली, मेरठ, नवी मुंबई, जयपुर, अमृतसर, ठाणे, लुधियाना, गोवा और अन्य शहरों में मौजूद है।

Dr pratiksha Review and Edited By : Dr Pratiksha

Author:  Hiims

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