HiiMS चंडीगढ़: किडनी पेशेंट्स के लिए उम्मीद की एक नई किरण। जरा सोचिये कैसा लगता होगा किसी पिता को जब उसे पता चले की उसके 18 साल के बेटे की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं और उनके पास अपने बेटे को बचाने का कोई उपाए नहीं है ? वह अस्पतालों के चक्कर लगा लगा कर थक जाए पर कोई हल न निकले ?
ऐसा ही एक केस है HiiMS (Hospital & Institute of Integrated Medical Sciences) का , जहाँ एक नाउम्मीद पिता अपने बीमार बेटे को लेकर आये और आज उनकी झोली में सिर्फ खुशियां ही खुशियां हैं.
प्रशांत कुमार की कहानी:
एक दिन अचानक कोलकाता के प्रशांत कुमार की की तबियत खराब होने के कारण उसके पिता उसे अस्पताल ले कर गए। वहां जा कर उन्हें पता चला की प्रशांत की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। प्रशांत के पिता ने उसका का हर संभव इलाज करवाया, पर उसकी हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ने लगी। उन्होंने कई बड़े अस्पतालों में प्रशांत को दिखाया और सभी ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी, और ये भी कहा की ऑपरेशन सफल होने की कोई गारंटी नहीं है। प्रशांत का पूरा परिवार निराश हो चुका था। उन्हें समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे ? ज़िंदगी और मौत के बीच का फर्क दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा था।
इसी दौरान प्रशान्त के पिता ने आचार्य मनीष जी और HiiMS हॉस्पिटल्स के बारे में सुना, उन्हें पता चला HiiMS हॉस्पिटल्स नेचुरल तरीके से कैंसर और किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों को रिवर्स करते हैं। उन्होंने HiiMS की उपलब्धियों के बारे में भी सुना। उन्होंने इस पर काफी रिसर्च की। उन्होंने पेशेंट्स के लाइव वीडियो, वेबसाइट लिंक्स, गूगल रिव्यु सब चेक किये और नामी हस्ती कॉमेडियन भारती सिंह और प्रधानमंत्री मोदी जी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी का वीडियो भी देखा. जब उन्हें HiiMS की इलाज व्यवस्था पर विश्वास हुआ वो प्रशांत को लेकर सीधे HiiMS चंडीगढ़ आ गए। ये कदम उनकी जिंदगी में किसी चमत्कार से काम नहीं था।
HiiMS हॉस्पिटल्स की नेचुरल थेरपीज़ से प्रशांत की किडनियां महज़ 8 महीने में 5th स्टेज से 4th स्टेज पर, और अगले 3 दिनों में 3rd स्टेज पर आ गई. जो किडनी सिर्फ 9 ml खून साफ़ कर रही थी, वो अब 31 ml खून साफ़ कर रही थी और वो भी बिना डाइलिसिस के। प्रशांत की हालत अब बेहतर हो रही है और वो एक सामान्य जिंदगी जी रहा है.
प्रशांत और उसके पिता का अनुभव उन्हीं की ज़ुबानी सुनने के लिए वीडियो पर क्लिक करें:
प्रशांत को एक ख़ास नेचुरल थेरेपी दी गई जिसे GRAD (ग्रेविटेशनल रेजिस्टेंस एंड DIP डाइट ) थेरेपी कहा जाता है. यह थेरेपी HiiMS में ख़ास किडनी पेशेंट्स के लिए, सालों की रिसर्च के बाद तैयार की गई है . यह थेरेपी विभिन्न थेरेपियों का कॉम्बिनेशन है। GRAD (ग्रेविटेशनल रेजिस्टेंस एंड DIP डाइट ) थेरेपी नामक एक प्राकृतिक और बिना सर्जरी वाली प्रक्रिया का उद्देश्य शरीर की इम्युनिटी को बढ़ा कर किडनी को फिर से सक्रिय (काम करने लायक ) बनाना है । GRAD थेरेपी मूल रूप से चार थेरेपियों का मिश्रण है जो किडनी को डिटॉक्सीफाई कर के उसकी खून साफ़ करने की क्षमता बढ़ाते है। इन थेरेपियों से किडनियां स्वस्थ होती हैं और पेशेंट्स का डायलिसिस बंद या कम हो जाता है।
HiiMS की विशेषताएं
- HiiMS मानव शरीर को बिना किसी चीड़ -फाड़ , बिना तकलीफ पहुंचाए, प्राकृतिक तरीके से रोग -मुक्त करने में विश्वास रखता है।
- प्राकृतिक उपचार: HiiMS आयुर्वेद, पंचकर्म और अन्य प्राकृतिक थेरेपियों का उपयोग करता है।
- बिमारियों का जड़ से इलाज : यहाँ किडनी फेलियर, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को रिवर्स करना सिखाया जाता है।
GRAD सिस्टम: 2 घंटे के लिए हेड-डाउन टिल्ट (HDT) थेरेपी + 2 घंटे के लिए हॉट वॉटर इमर्शन (HWI) थेरेपी + DIP डाइट प्लान पर आधारित है।
ये थेरेपी शरीर को डिटॉक्सीफाई करने, किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार करने और उसकी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए सुचारु रूप से काम करते हैं। थेरेपी के बारे में अधिक जाने के लिए वीडियो पर क्लिक करें।
भारत का पहला इंटीग्रेटेड हॉस्पिटल- HiiMS
HiiMS भारत का पहला इंटीग्रेटेड हॉस्पिटल है।
भारत में HiiMS के 45 हॉस्पिटल्स, 51 क्लीनिक और 23 डे केयर सेंटर्स हैं जहाँ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। HiiMS शुद्धिग्राम मेरठ , भारत का पहला 1000 बेड वाला इंटीग्रेटेड अस्पताल है।
HiiMS हॉस्पिटल मतलब Hospital & Institute of Integrated Medical Sciences. यह ऐसा हॉस्पिटल है जहाँ कई नेचुरल चिकित्सा पद्धतियों का मिश्रण कर के इंसान की बीमारी को रिवर्स किया जाता है । किसी के लिए भी यह विश्वास करना मुश्किल होगा की Cancer को रिवर्स किया जा सकता है वो भी बिना किसी कीमोथेरपी या अन्य सर्जरी के या फिर kidney failure को रिवर्स किया जा सकता है बिना किसी ट्रांसप्लांट के। लेकिन यह सच है। हॉस्पिटल खुद नहीं कहता बल्कि वहां से ठीक हुए लोग कहते हैं।
HiiMS Google Reviews:
आचार्य मनीष जी का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
HiiMS चिकित्सा प्रणाली नेचुरोपैथी और आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित है जो आचार्य मनीष जी स्वयं फॉलो करतें हैं। आचार्य मनीष जी एक आयुर्वेदिक गुरु हैं जो नेचुरल और आयुर्वेदिक उपचार पर जोर देते हैं। आचार्य मनीष जी शरीर को अंदर से बाहर तक पोषण देने के लिए सदियों पुरानी आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों और उपचारों का उपयोग करते हैं। आचार्य मनीष जी सभी को अनुशासित जीवनशैली अपनाने के लाभ बताते हैं। वे आयुर्वेद के तरीकों का पालन करके रोग मुक्त जीवन जीने के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं।
आचार्य मनीष जी का मिशन है “स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं“ जिसका अर्थ है “स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी को रोगमुक्त करना”। आइये आचार्य जी के इस मिशन का हिस्सा बनकर हम एक स्वस्थ और सम्पूर्ण जीवन जीना सीखें।
निष्कर्ष
HiiMS एक ऐसा हॉस्पिटल है जो प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों से गंभीर बिमारियों को रिवर्स कर शरीर को रोग मुक्त करता है।
आज करोड़ों पेशेंट कैंसर और किडनी फेलियर जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। इलाज पर लाखों रूपये खर्च कर भी लोग ठीक नहीं हो पा रहें हैं। लेकिन इस बीच एक उम्मीद की किरण लेकर आया है HiiMS हॉस्पिटल।
प्रशांत कुमार की कहानी इस बात का प्रमाण है कि यहाँ की इलाज व्यवस्था कितनी लाभदायक हो सकती है।
अगर आपकी जानकारी में किसी को भी किडनी से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो हमें संपर्क करें : 82704-82704 or care@jeenasikho.com.