नीम के फायदे और उपयोग: एक विस्तृत जानकारी
नीम के वृक्ष को धरती का कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। नीम का वृक्ष शुद्ध वायु प्रदान करने वाला (प्राणदायक), आरोग्य (निरोगी शरीर) प्रदान करने वाला और रोगनाशक वायु को देने वाला होता है। आचार्य चरक ने चरक संहिता में चन्दन, जटामाँसी, खदिर आदि कंडूघ्न औषधियों में नीम की गणना की है। नीम चर्मरोग नाशक होने के साथ-साथ अनेक घातक जीवाणुओं जैसे ई. कोलाई, सालमोनेला टाइफी, स्टैफीलोकोकस आदि कीटाणुओं को नष्ट करता है। इसके विषय में शास्त्रों में ‘सर्वरोगहरो निम्ब’ कहा गया है। इसकी जड़ की छाल, तने की छाल, फूल, पत्ती, बीज और बीज का तेल विभिन्न बीमारियों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
Guna-karma:
Chemical composition:
इसके काष्ठ (लकड़ी) में टैनिन, बैकालेक्टॉन, B-सिटोस्टेरॉल, तेल, छाल में टैनिन, केम्पेस्टीरॉल, नीम्बीनीन, पत्ते में निम्बिन, निम्बिनीन, निम्बेनडिओल, फल में जेडुनिन, एजाडिराडिओन, पुष्प में B-स्टिोस्टेरॉल और केम्फेरॉल पाया जाता है।
Medicinal uses:
नीम का उपयोग केशविकार, शिरःशूल, मोतियाबिंद, क्षय रोग, दंत-विकार, रक्त विकार, कर्णस्राव, नकसीर, खुजली आदि रोगों में लाभकारी होता है।
Health benefits:
सिरदर्द में लाभ- नीम तेल को माथे पर लगाने से सिरदर्द में लाभ होता है।
Preparations:
निम्बादि चूर्ण, निम्बारिष्ट, निम्बहरिद्र खंड
Precautions:
कमजोर कामशक्ति वाले व्यक्तियों को नीम का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह कामशक्ति को कम करती है।
औषधीय पौधों का प्रयोग हमेशा चिकित्सक के परामर्श के अनुसार करना चाहिए।
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