lung problems

सांस लेना जरुरी है लेकिन उसके लिए भी जरुरी हैं स्वस्थ फेफड़े (healthy lungs)! आजकल हमारी जीवनशैली इतनी व्यस्त हो गयी है की हम अपनी सेहत का ख्याल रखना भूल जाते हैं। बाहरी शारीरिक समस्याएं तो हमें दिख जाती हैं लेकिन शरीर के अंदर बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें हम समझ ही नहीं पाते और नतीजन अंदर ही अंदर कोई न कोई बीमारी पनपने लग जाती है। ठीक ऐसा ही शरीर का एक अंग है फेफड़े यानि की लंग्स।

अगर शरीर के फेफड़े स्वस्थ (healthy lungs) हैं तो फिर इंसान भी स्वस्थ है क्योंकि यही शरीर का ऐसा अंग है जो की सांस लेने में हमारी मदद करता है। बिना फेफड़ों के इंसान जीवित नहीं रह सकता। फेफड़े हमारे शरीर में ऑक्सीजन का संचार करते हैं और इसके साथ ही साँस को भी फ़िल्टर करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से हम फेफड़े को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic tips for lung health) के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी समझेंगे की फेफड़ों के लिए कौन से योग आसन (yoga asanas for lungs) सही हैं। 

फेफड़ों के स्वास्थ्य पर आयुर्वेद का दृष्टिकोण

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में किसी भी तरह के असंतुलन के पीछे तीन दोषो में गड़बड़ी होती है। जब बात फेफड़ों के स्वास्थ्य (healthy lungs) की आती है तब तीनो दोष (वात, पित्त और कफा) बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार, वात और कफ दोषों में असंतुलन श्वसन संबंधी समस्याओं में योगदान कर सकता है। इसके साथ ही पित्त दोष में कुछ गड़बड़ी से भी फेफड़ों में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।  आइये समझते हैं की कैसे ये तीन दोष स्वस्थ फेफड़ों में सहायक हैं।  

पहला दोष वात, गति से जुड़ा हुआ है और शरीर में हवा के प्रवाह को नियंत्रित करता है। अगर यह असंतुलित हो जाए तो यह सूखापन, अनियमित सांस और चिंता का कारण बन सकता है। वात को शांत करने और फेफड़ों के स्वास्थ्य को पोषित करने के लिए, अपने आहार में गर्म, पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने चाहिए। 

दूसरा दोष कफ, शरीर की संरचना और चिकनाई से जुड़ा हुआ है। कफ की अधिकता सांस प्रणाली में बलगम के निर्माण और जमाव के रूप में प्रकट हो सकती है। कफ को संतुलित करने के लिए हमें हल्के, गर्म खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। 

इसके साथ साथ तीसरा दोष यानि की पित्त दोष अगर असंतुलित हो जाये तो पाचक अग्नि कमजोर पड़ने लगती है। पित्त दोष के कारण उत्साह में कमी होने लगती है साथ ही ह्रदय और फेफड़ों में कफ इकठ्ठा होने लगता है। इसकी वजह से से फेफड़ों से जुडी समस्याएं हो सकती हैं।  

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फेफड़ों के संक्रमण का इलाज (Lung infection treatment)

फेफड़ों में संक्रमण कई तरह से हो सकता है लेकिन ज्यादातर इस संक्रमण का शिकार लोग तब होते हैं जब फेफड़ों में वायरस, बैक्टीरिया या फंगस चले जाते हैं। वातावरण में प्रदूषण फेफड़ों में संक्रमण होने का मुख्य कारण है। आयुर्वेद में फेफड़ों के संक्रमण के लिए कई तरह की जड़ी बूटियां बताई गयी हैं और इसके साथ साथ उपचार भी मौजूद हैं।  इसके अलावा पंचकर्म और योग के माध्यम से भी फेफड़ों के संक्रमण में सुधार कर इनसे आराम पाया जा सकता है।  

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां: फेफड़ों के स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए सदियों से आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता रहा है। त्रिफला, जो अपने विषहरण गुणों के लिए जाना जाता है। नद्यपान की जड़, हल्दी और वासा (अधातोडा वासिका) का उपयोग आमतौर पर श्वसन संबंधी समस्याओं को शांत करने और स्पष्ट श्वास को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इसके अलावा कई ऐसी जड़ी बूटियां और हैं जिनकी मदद से फेफड़ों के स्वास्थ्य को और फेफड़ों से जुडी समस्याओं और संक्रमण को ठीक किया जाता है।  

ऑयल पुलिंग: ऑयल पुलिंग एक प्राचीन आयुर्वेदिक अभ्यास है जिसमें मौखिक और श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मुंह में तेल (आमतौर पर तिल या नारियल का तेल) घुमाना शामिल है। यह तकनीक विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करती है और श्वसन प्रणाली के समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करती है।

पंचकर्म: पंचकर्म चिकित्सा पद्धति की मदद से कई रोगों को रिवर्स कर एक स्वस्थ जीवन जिया सकता है। पंचकर्म में कई ऐसे कर्म हैं जिनकी मदद से फेफड़ों के स्वास्थ्य और संक्रमण में सुधार किया जा सकता है जैसे की नस्य कर्म, अभयंग, स्वेदन इत्यादि। इसके साथ साथ प्राणायाम, कपालभाति आदि जैसी श्वास तकनीकें वायुमार्ग को साफ करने और प्रदूषण के दुष्प्रभावों से निपटने में महत्वपूर्ण मदद कर सकती हैं। यह फेफड़े को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic tips for lung health) सबसे असरदार है।  

फेफड़ों के लिए योग आसन (Yoga asanas for lungs)

आयुर्वेद में खान पान के अलावा भी कई चीज़ें वर्णित हैं जिनकी मदद से फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। अगर इन चीज़ों को हम अपने दैनिक जीवन में शामिल कर लें तो फिर आसानी से अपने लंग्स के स्वास्थ्य को ठीक रख सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार कई ऐसे योग आसान हैं जिन्हें हमें हर दिन करना चाहिए। आइये जानते है की वो कौन से योग आसान हैं जो हमारे फेफड़ों के लिए लाभकारी हैं।  

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त्रिकोणासन

यह एक ऐसा आसन है जो की हमारे फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। इस आसान की मदद से फेफड़ों की कैपेसिटी और सांस लेने वाली मांसपेशियों में भी सुधार होता है। अगर स्वस्थ फेफड़े (healthy lungs) चाहिए तो इस आसन को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। 

उष्ट्रासन

यह एक ऐसा योग आसान है जिसे अगर नियमित रूप से किया जाए तो यह फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में और इसके साथ साथ इन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है। 

मत्स्यासन

फेफड़ों के लिए योग आसन (yoga asanas for lungs) में अगला आसान आता है मत्स्यासन। इस आसान को मछली मुद्रा भी कहा जाता है क्योंकि जब इस आसान को किया जाता है तो शरीर एक मछली के सामान आकार में आ जाता है। इस आसान के नियमित अभ्यास से श्वसन क्रिया बेहतर होती है। ये आसन छाती और फेफड़ों को भी खोलता है।  

भुजंगासन

इस आसन को कोबरा पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इस योग आसन की मदद से सांस लेने में आसानी होती है और साथ ही फेफड़े भी मजबूत होते हैं। यह आसन फेफड़ों की कार्य क्षमता को भी बढ़ाता है।  

अगर हम नियमित रूप से इन फेफड़ों के लिए योग आसन (yoga asanas for lungs) का अभ्यास करेंगे तो फिर हमारे फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और इसके साथ साथ कई अन्य चीज़ों में भी सुधार हो सकता है।  

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फेफड़ों के संक्रमण का आयुर्वेदिक हॉस्पिटल 

आजकल बढ़ता प्रदुषण सबसे ज्यादा हमारी सेहत पर असर डाल रहा है। इस प्रदुषण की वजह से कई तरह की बीमारियों का सामना हमारे शरीर को करना पड़ता है। सबसे ज्यादा प्रभावित जो अंग होता है वो है हमारे शरीर के फेफड़ों। फेफड़ों का काम हमारे शरीर तक ऑक्सीजन पहुँचाना है। लेकिन जब बाहरी हवा ही प्रदूषित हो तो फिर फेफड़े भी कितने दिन तक स्वस्थ रहेंगे। और इसी वजह से फेफड़ों में संक्रमण की समस्या होती है।  

अगर आप भी किसी तरह के फेफड़ों के संक्रमण का सामना कर रहे हैं या फिर आप आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता को सुधारना चाहते हैं तो फिर आयुर्वेद से बढ़िया कोई विकल्प नहीं है। फेफड़ों से जुडी किसी भी समस्या के लिए या अन्य बीमारी के लिए HiiMS हॉस्पिटल से बढ़िया कोई हॉस्पिटल नहीं है। यहाँ पर आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, पंचकर्म, डाइट और लाइफस्टाइल के माध्यम से सभी बीमारियों को रिवर्स करना सिखाया जाता है। फेफड़ों के संक्रमण का इलाज (lung infection treatment) के लिए यह भारत का मशहूर हॉस्पिटल है जिसकी शाखाएं पुरे देश में फैली हैं।  

FAQ

1. कमजोर फेफड़ों को मजबूत कैसे करें ?

आयुर्वेद और योग की मदद से कमजोर फेफड़ों को मजबूत किया जा सकता है।  

2. फेफड़ों के लिए योग आसन (yoga asanas for lungs) कौन से हैं ?

त्रिकोणासन, भुजंगासन, मत्स्यासन, उष्ट्रासन ऐसे आसन हैं जिनकी मदद से फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है।

3. क्या पंचकर्म की मदद से फेफड़ों के संक्रमण का इलाज किया जा सकता है ?

जी हाँ ! पंचकर्म की मदद से फेफड़ों के संक्रमण और फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है।  

4. क्या फेफड़ों के रोग ठीक हो सकते हैं ?

आयुर्वेद की मदद से फेफड़ों के रोगों को रिवर्स किया जा सकता है। ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं जिनकी मदद से फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है।  

 

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