Brij Prakash जी CKD, जो की Kidney की एक जानलेवा बीमारी है उस से पीड़ित थे। जब रिपोर्ट आई तो वो बहुत परेशान हुए क्योंकि अगर बीमारी बढ़ती तो ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता। इसके बाद HIIMS Chandigarh आये और यहाँ से ट्रीटमेंट के कुछ महीने बाद इन्हें इनकी बीमारी से आराम मिल गया। कैसे हुआ ये?
यह पेशेंट Chronic Kidney Disease से परेशान थे। अपनी बीमारी के लिए बहुत इलाज भी करवाया लेकिन कहीं से कोई ख़ास आराम नहीं मिला। इनका GFR Level भी कम था। इन्होने फिर अपना टेस्ट करवाया तो उसमे जो आया उस से ये परेशान हो गए। इनका GFR लेवल बहुत ज्यादा नीचे गिर चुका था। पेशेंट की बाईं किडनी का GFR 4 और दाईं किडनी का GFR 4.9 था।
तमन्ना जी की उम्र 28 साल थी और उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की हुई थी। ट्रांसप्लांट होने के बाद भी उन्हें किडनी में कुछ समस्या हो रही थी। इसके बाद उन्होंने अपना टेस्ट करवाया और जो टेस्ट में आया वो अचंभित करने वाला था। पेशेंट का GFR लेवल बहुत कम हो चुका था। रिपोर्ट के अनुसार पेशेंट का GFR लेवल 14 था। इस टेस्ट रिपोर्ट को देख के पेशेंट बहुत ही ज्यादा परेशान हो गया।
कुशल तिवारी जी को किडनी (Chronic Kidney Disease) की समस्या थी। इन्होने अपनी किडनी की बीमारी का इलाज भी करवाया लेकिन कहीं से कोई ख़ास आराम नहीं मिला और न ही इनकी बीमारी में कोई सुधर हुआ। जांच और टेस्ट में इनका GFR लेवल बहुत कम आया। इनका Global GFR लेवल 0.391 था। पेशेंट बहुत परेशान हो चुका था।
यह पेशेंट Chronic Kidney Disease से पीड़ित था और इनका GFR Level भी बहुत ज्यादा नीचे गिर चुका था। जब इन्होने अपना टेस्ट करवाया तो उसमे पाया की किनी बाईं किडनी का GFR Level 6.5 हो चुका था और दाईं किड़नी का GFR Level 7.3 था। कुल मिलाके दोनों किडनी का GFR Level 13.8 था। यह एक गंभीर चिंता का विषय था क्योंकि CKD का इलाज न किया जाए और GFR Level ऐसे ही गिरता जाए तो फिर किडनी फेल होना निश्चित है।