HIIMS एक इंटीग्रेटेड हॉस्पिटल है जो की माननीय राजीव दीक्षित जी के याद में स्थापित किया गया है। माननीय राजीव दीक्षित एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और आयुर्वेद के ज्ञाता होने के साथ-साथ ‘भारत स्वाभिमान ट्रस्ट’ के राष्ट्रीय सचिव और स्वदेशी आंदोलन के समर्थक भी थे। माननीय राजीव दीक्षित आज भी एक ऐसे प्रकाशपुंज के रूप में समस्त भारतीयों को दिलों में हैं और समस्त भारतवर्ष के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। साथ ही उनके इस देशभक्ति और आयुर्वेद के प्रति श्रद्धा से प्रभावित होकर हमारा HIIMS परिवार भी पूरी निष्ठा, ईमानदारी, अनुभव और सच्ची श्रद्धा से मरीजों को रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायता करते हैं।
गुरु मनीष जी, न केवल एक आयुर्वेदिक गुरु हैं, बल्कि मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में एक मार्गदर्शक भी हैं जो लोगों को जीवन में उनके लक्ष्य तक पहुँचने में सहायता करते हैं। आचार्य जी इलाज के बजाय बीमारियों के रोकथाम पर विशेष जोर देते हैं। साथ ही आचार्य मनीष जी का लक्ष्य पुरे भारत को आयुर्वेद के महत्त्व को समझाना और इसकी सहायता से रोगों से मुक्ति दिलाकर उन्हें रोगमुक्त जीवन प्रदान करना है। इसी अभियान के तहत आचार्य मनीष जी ने शतायुपैथी, शुद्धि और हिम्स जैसे आयुर्वेदिक संस्थानों की स्थापना की है।
डॉ. अमर सिंह आजाद सामुदायिक चिकित्सा और बाल रोग के एमडी और एक जन-उन्मुख चिकित्सक हैं। इसके अलावा डॉ अमर सिंह आज़ाद का यह मानना है की आप अपने जीवनशैली और खान-पान में बदलाव कर शरीर में होनेवाले तमाम रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही ये लोगों को स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरूक करने में विश्वास रखते हैं और नेचुरल तरीके से जीवन जीने की सलाह देते हैं।
डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी, मधुमेह पर पीएचडी करने के साथ-साथ भारत के जाने-माने नुट्रिशन विशेषज्ञ भी हैं। इन्होंने 72 घंटों में डायबिटीज को रिवर्स के लिए तीन चरणों वाली विश्वप्रसिद्ध "द डीआईपी डाइट" को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। इसके अलावा हेमोडायलिसिस, ट्रांसप्लांट, किडनी और लिवर फेलियर आदि जैसी गंभीर स्वास्थ संबंधी परिस्थितियों से निजात दिलाने के लिए इनके द्वारा विकसित ‘360-डिग्री पोस्टुरल मेडिसिन’ भी विश्वविख्यात है।
डॉ खादर वली भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से स्टेरॉयड पर पीएचडी धारक हैं। उन्होंने अमेरिका में एजेंट ऑरेंज और डाइऑक्सिन जैसे घातक रासायनिक पदार्थों को निष्क्रिय करने की जांच की है। अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने गायब हो रहे पांच अलग-अलग प्रकार के बाजरा को बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने खुलासा किया कि बाजरा घातक बीमारियों को ठीक कर सकता है। वह बाजरे के सेवन की सलाह देकर अपने रोगियों का उनकी बीमारियों का इलाज करते रहे हैं। उनके शोध के अनुसार बाजरा मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी कई अन्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को खत्म करने में मदद कर सकता है।